विगत दिवस आजमगढ मे बाढ आई। बाढ की स्थिति देखने मे गांव जाना था। नाव से नदी को पार करना था। नाव पकडने के लिये पानी मे घुसकर नाव के पास जाना था। मैने अपनी पैंट निकाल कर अर्दली को दे दिया और तौलिया पहनकर नाव से उस पार गया। उस पार पहुचकर पैंट मागने पर उसने बताया कि वह पैंट गाडी मे रख दिया है। अब पांच घंटे तौलिया पहन कर ही घूमना पडा।
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